➤ ग्रेटा थनबर्ग को टाइम ‘पर्सन ऑफ द ईयर 2019’ चुना गया
ग्रेटा थनबर्ग ने साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र की क्लाइमेट एक्शन समिट में भी भाषण दिया था. इस भाषण की विश्वभर में काफी तारीफ हुई थी. बता दें कि ग्रेटा एस्पर्गर सिंड्रोम से पीड़ित हैं.
टाइम पत्रिका ने जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को साल 2019 के लिए 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना है. यह सम्मान ग्रेटा ने सबसे कम उम्र में हासिल किया है. वे अपने प्रभावशाली एवं आक्रमक भाषणों को लेकर चर्चा में रही हैं.
मुख्य बिंदु
• टाइम पत्रिका ने कहा कि वह पृथ्वी के सबसे बड़े मुद्दे पर सबसे बड़ी आवाज बनकर उभरी है. ग्रेटा थनबर्ग कार्रवाई की मांग करती है. ग्रेटा का कहना है कि कई कदम गलत दिशा में उठाए जा रहे हैं, इसमें सुधार होना चाहिए.
• टाइम पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने काम करने के इच्छुक लोगों ने नैतिक आह्वान किया और जो इसके लिए तैयार नहीं थे, उन पर नाराजगी भी व्यक्त किया.
• थनबर्ग ने टाइम को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हम इस धारणा के साथ नहीं रह सकते हैं कि कल नहीं आएगा, कल निश्चित रूप से आएगा. यह हम कह रहे हैं.
टाइम पत्रिका ने जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को साल 2019 के लिए 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना है. यह सम्मान ग्रेटा ने सबसे कम उम्र में हासिल किया है. वे अपने प्रभावशाली एवं आक्रमक भाषणों को लेकर चर्चा में रही हैं.
मुख्य बिंदु
• टाइम पत्रिका ने कहा कि वह पृथ्वी के सबसे बड़े मुद्दे पर सबसे बड़ी आवाज बनकर उभरी है. ग्रेटा थनबर्ग कार्रवाई की मांग करती है. ग्रेटा का कहना है कि कई कदम गलत दिशा में उठाए जा रहे हैं, इसमें सुधार होना चाहिए.
• टाइम पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने काम करने के इच्छुक लोगों ने नैतिक आह्वान किया और जो इसके लिए तैयार नहीं थे, उन पर नाराजगी भी व्यक्त किया.
• थनबर्ग ने टाइम को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हम इस धारणा के साथ नहीं रह सकते हैं कि कल नहीं आएगा, कल निश्चित रूप से आएगा. यह हम कह रहे हैं.
ग्रेटा थनबर्ग के बारे में
• ग्रेटा थनबर्ग का जन्म 03 जनवरी 2003 को स्टॉकहोम, स्वीडन में हुआ था.
• वे ग्लोबल वार्मिंग के ख़तरों पर केंद्रित एक स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता हैं.
• ग्रेटा जलवायु आंदोलन (क्लाइमेट मूवमेंट) के लिए स्कूल स्ट्राइक की संस्थापक हैं.
• उनके द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन साल 2018 में शुरू हुआ था, जब ग्रेटा ने स्वीडिश संसद के बाहर अकेले विरोध करना आरंभ किया.
• उन्होंने छात्रों को जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने हेतु विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया.
• उन्होंने पेरिस समझौते के अनुसार कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु स्वीडन की संसद के सामने विरोध किया.
• ग्रेटा थनबर्ग का जन्म 03 जनवरी 2003 को स्टॉकहोम, स्वीडन में हुआ था.
• वे ग्लोबल वार्मिंग के ख़तरों पर केंद्रित एक स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता हैं.
• ग्रेटा जलवायु आंदोलन (क्लाइमेट मूवमेंट) के लिए स्कूल स्ट्राइक की संस्थापक हैं.
• उनके द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन साल 2018 में शुरू हुआ था, जब ग्रेटा ने स्वीडिश संसद के बाहर अकेले विरोध करना आरंभ किया.
• उन्होंने छात्रों को जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने हेतु विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया.
• उन्होंने पेरिस समझौते के अनुसार कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु स्वीडन की संसद के सामने विरोध किया.
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