▶▶▶▶ INS खंडेरी ◀◄◄◄
INS खंडेरी गहरे समुद्र में बिना आवाज़ किये 12 हज़ार किमी. तक सफर कर सकती है। इसकी लंबाई लगभग 67.5 मीटर और चौड़ाई 12.3 मीटर है। 40 से 45 दिन तक पानी में रहने की क्षमता वाली यह पनडुब्बी 350 मीटर की गहराई तक उतर सकती है तथा इसमें सभी अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं।
इस पनडुब्बी का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में 7 अप्रैल, 2009 को शुरू हुआ था। 12 जनवरी, 2017 को इसे लॉन्च किया गया और इसका नामकरण किया गया।
इस पनडुब्बी में कुल 360 बैटरी लगी हैं, जिनमें से प्रत्येक का वज़न 750 किग्रा. है। इसमें 6 टॉरपीडो ट्यूब लगे हैं। इसमें से 2 ट्यूब से मिसाइल भी दागी जा सकती है। इसके भीतर कुल 12 टॉरपीडो रखने की व्यवस्था है।
इसे ‘खंडेरी’ नाम मराठा सेना के द्वीपीय किले के नाम पर दिया गया है। इसके अलावा खंडेरी को टाइगर शार्क भी कहते हैं।
सकॉर्पीन श्रेणी की बनी पहली पनडुब्बी INS कलवरी है।
INS खंडेरी गहरे समुद्र में बिना आवाज़ किये 12 हज़ार किमी. तक सफर कर सकती है। इसकी लंबाई लगभग 67.5 मीटर और चौड़ाई 12.3 मीटर है। 40 से 45 दिन तक पानी में रहने की क्षमता वाली यह पनडुब्बी 350 मीटर की गहराई तक उतर सकती है तथा इसमें सभी अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं।
इस पनडुब्बी का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में 7 अप्रैल, 2009 को शुरू हुआ था। 12 जनवरी, 2017 को इसे लॉन्च किया गया और इसका नामकरण किया गया।
इस पनडुब्बी में कुल 360 बैटरी लगी हैं, जिनमें से प्रत्येक का वज़न 750 किग्रा. है। इसमें 6 टॉरपीडो ट्यूब लगे हैं। इसमें से 2 ट्यूब से मिसाइल भी दागी जा सकती है। इसके भीतर कुल 12 टॉरपीडो रखने की व्यवस्था है।
इसे ‘खंडेरी’ नाम मराठा सेना के द्वीपीय किले के नाम पर दिया गया है। इसके अलावा खंडेरी को टाइगर शार्क भी कहते हैं।
सकॉर्पीन श्रेणी की बनी पहली पनडुब्बी INS कलवरी है।
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