Wednesday, November 13, 2019

GOVERNMENT - E - MARKETPLACE (GEM)

संदर्भ

सरकार ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने भुगतान-संबंधित सेवाओं के लिए फेडरल बैंक के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए।

एमओयू पोर्टल पर एक कैशलेस, पेपरलेस और पारदर्शी भुगतान प्रणाली की सुविधा प्रदान की जाएगी।

GEM क्या है?

सरकारी ई-बाजार (GeM) एक ऑनलाइन बाजार है, जिसके माध्यम से सरकार के विभिन्न मंत्रालय एवं एजेंसियाँ वस्तुओं और सेवाओं का क्रय करती हैं।

यह बाजार केन्द्र सरकार के विभागों, राज्य सरकार के विभागों, लोक उपक्रम प्रतिष्ठानों और सम्बद्ध निकायों के लिए है।

यह एक सर्वसमावेशी अभियान है जिसमें सभी प्रकार के विक्रेताओं और सेवा-प्रदाताओं को सशक्त किया जाएगा, जैसे – MSMEs, स्टार्ट-अप, स्वदेशी निर्माता, महिला उद्यमी, स्वयं सहायता समूह (SHGs)

सरकारी ई-बाजार एक 100% सरकारी कम्पनी है जिसकी स्थापना केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन हुई है।

इस बाजार का उद्देश्य सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार दूर करना तथा उसमें पारदर्शिता, सक्षमता और गति लाना है।

GEM से फायदे: -

▪️ विक्रेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा के चलते उत्पाद की कीमतों में कमी (15-20% ↓)

▪️ अवैध रूप से सरकारी खरीददारी पर रोक लगेगी।

▪️ इस अभियान का एक उद्देश्य नकद रहित, सम्पर्क रहित और कागज़ रहित लेन-देन को बढ़ावा देना है जिससे कि डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को पाया जा सके।

GEM पोर्टल में आने वाली दिक्कतें

GeM के माध्यम से खरीददारी कर रहे लोगों की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि GeM किसी भी तरह की खरीद-बिक्री की जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं लेता।

इस पोर्टल पर उपलब्ध सामान की कीमत और उपलब्धता पर इसे चलाने वाले विभाग DGS & D का कोई नियंत्रण नहीं होता।

उत्पादों की रेट एक समान नहीं है और हमेशा उतार-चढ़ाव होता रहता है जिससे एक ही विभाग एक ही सामान के अलग-अलग समय पर अलग-अलग दाम चुकाता है।

GeM के जरिये खरीददारी करते वक़्त कई अलग-अलग ID देनी पड़ती है। इसे लेकर अधिकृत अधिकारी एतराज जताते हैं।

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

23 March - Shaheed Diwas, Balidan divas

Created by - Graphic Stock Loading…