Sunday, October 20, 2019

➤ राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति 

लघुकरण (Commutation) - सज़ा की प्रकृति को बदलना जैसे मृत्युदंड को कठोर कारावास में बदलना।

परिहार (Remission) - सज़ा की अवधि को बदलना जैसे 2 वर्ष के कठोर कारावास को 1 वर्ष के कठोर कारावास में बदलना।

विराम (Respite) - विशेष परिस्थितियों की वजह से सज़ा को कम करना जैसे शारीरिक अपंगता या महिलाओं कि गर्भावस्था के कारण।

प्रविलंबन (Reprieve) - किसी दंड को कुछ समय के लिये टालने की प्रक्रिया जैसे फाँसी को कुछ समय के लिये टालना।

क्षमा (Pardon) - पूर्णतः माफ़ कर देना - इसका तकनीकी मतलब यह है कि अपराध कभी हुआ ही नहीं।

द एग्जाम बीट 

♦️सविधान के अनुच्छेद 161 द्वारा राज्य के राज्यपाल को भी क्षमादान की शक्ति प्रदान की गई है।

💠 राज्यपाल राज्य के विधि विरुद्ध अपराध में दोषी व्यक्ति के संदर्भ में यह शक्ति रखता है।

💠राज्यपाल को मृत्यदंड को क्षमा करने का अधिकार नहीं है।

💠राज्यपाल मृत्यदंड को निलंबित, दंड अवधि को कम करना एवं दंड का स्वरूप बदल सकता है।

🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳

♦️ राष्ट्रपति की क्षमा करने की प्रक्रिया

👉 यह प्रक्रिया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने से शुरू होती है।

👉 इसके बाद याचिका पर विचार करने के लिये यह गृह मंत्रालय को भेजी जाती है, जिसके बाद संबंधित राज्य सरकार से सलाह ली जाती है।

👉 गृह मंत्री की सिफारिश पर परामर्श के बाद याचिका राष्ट्रपति को वापस भेजी जाती है।

♦️ क्षमादान का उद्देश्य

क्षमादान किसी निर्दोष व्यक्ति को न्यायालय की गलती के कारण दंडित होने से बचाने या संदेहास्पद सज़ा के मामलों में मददगार साबित हो सकती है।

राष्ट्रपति को प्राप्त इस शक्ति के दो रूप हैं: -

1. विधि के प्रयोग में होने वाली न्यायिक गलती को सुधारने के लिये।

2. यदि राष्ट्रपति दंड का स्वरूप अधिक कठोर समझता है तो उसका बचाव करने के लिये।

♦️ क्षमा करने की शक्तियों पर न्यायिक रुख

मारू राम बनाम भारत संघ मामले (1980) में भारत के सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 72 के तहत शक्ति का प्रयोग केंद्र सरकार की सलाह पर किया जाना चाहिये, न कि राष्ट्रपति द्वारा अपने विवेक से और राष्ट्रपति के लिये यह सलाह बाध्यकारी है।

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

23 March - Shaheed Diwas, Balidan divas

Created by - Graphic Stock Loading…